ठहरा पानी थी,,वो इश्क़ एक नादानी थी,,गैरों के कदमों से बिखरी पानी की कहानी थी. जिसे चाहा उसे पढ़ ना पाया,,वो उलझी किताब मेरी उम्र जवानी थी. छोटे किस्सों में तो बहुत बटी थी मेरी ज़िन्दगी,,खेलता रहा वक़्त हर एक पल यादों की नीलामी थी। ##########love#aman6.1#poetry#shayari kaur B 😊😊