लाशें अंबार लगा दो तुम, ढाल समेटे रहेंगे हम, कुछ फुर्सत, धैर्य रखो तो तुम, फिर अल्फाज रखेंगे हम। ये वही स्नातन की धरती है, जिसपे प्रभुत्व भाईचारा है, क्यों क्रोध अहंकार दिखाकर तुम, उस निसहाय को मौत उतारा है । यह वही भारत की धरती है, जिसने सारा धर्म अपनाया है, खून ,आक्रोश दिखाना है तो, पहले अपने अहंकार का नाश करो, सीधे संतन पर रौब जमा कर, तुमने कौन सा तीर चलाया है? मर गया वह साधु आज वहां, मोक्ष, तुमने क्या पाया है? सोच काफीरे, उस चालक की, जिसकी संयम पर बांण, तूने चलाया है? मत भेज रे दाता, इस धरती पर, और कितने दिन दिख लाएगा, क्या सचमुच इस धरती में विष्णु अवतार आएगा? #DilKJajbaat #MereAnkaheAlfaaj