ये दशक इस दशा मैं ,दफन है दुआ मैं कि क्या यह कथन है ,कफन है जुबां में क्यों मैली है मुफलर की ,मैजूदगी गले में न मालूम क्या है मिरे मंसुआ में! लगडा सा लाचार ,जिल्लत भरा में मेरी हकीकत नहीं जानता में में क्यूं हू गजल में,और गजल दफनगाह में न मालूम क्या है मिरे मंसुआ में!! #DPF #ना मालूम क्या है मेरे मंसुआ में #kavishala #nojoto