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अाज भी जिस्मों मे उलझी पड़ी है अाज भी सपनों से सुल

अाज भी जिस्मों मे उलझी पड़ी है
अाज भी सपनों से सुलझी पड़ी है
ताज महल की खुबसूरती के नीचे
आज भी 'मोहब्बत' दबी पड़ी है.
         अहेसान अली

 #NojotoQuote
अाज भी जिस्मों मे उलझी पड़ी है
अाज भी सपनों से सुलझी पड़ी है
ताज महल की खुबसूरती के नीचे
आज भी 'मोहब्बत' दबी पड़ी है.
         अहेसान अली

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