इश्क से इश्क की इजाजत एक बार हमने भी मांगी इस दिल को एक फसाना हमने भी सिखलायी न हीं इश्क की मंजुरी मिली न हीं दिल अव्वल हो पाया इश्क से इश्क की फरमाइश एक फिर हमने कि तासीर सिर्फ इतना हुआ कि इश्क की गुंजाइश अब इस दिल को न रही #इश्क