जो कभी कहते थे हम रह नही पाते हैं तुम्हें देखे बग़ैर आज वो रास्ते पर मिलते ही मुँह फेर निकल जाते हैं, कदम मेरे फिर चलना चाहते हैं संग उनके पर देख बेरुख़ी उनकी ये संभल जाते हैं, जब सताती हैं तन्हाईयाँ हमे तो सोचता हूँ दिल के करीबी भी समय आने पर अक्सर बदल जातें है, याद करके उनकी शरारत भरी बातो को आज भी हम थोड़े मचल जाते हैं, पता है अब वो शायद कभी देखेंगे नही हमे फिर भी न जाने क्यूँ अक्सर उनकी गली हम टहल आते हैं, उन्हें फ़िकर नही अब हमारी लेकिन जब भी हम जातें है ख़ुदा के दर तो आज भी ख़ुद से पहले उनके सलामती की दुआ कर आते हैं, राह चलते जब कभी आती है याद उनकी कदम हमारे चलना भूल कुछ पल ठहर जाते हैं, जब रूकती नही हैं यादें रोकने से भी तो हम उनकी यादों का सफ़र कर आते हैं... जो #कभी कहते थे हम रह नही पाते हैं तुम्हें देखे बग़ैर आज वो #रास्ते पर मिलते ही मुँह फेर निकल जाते हैं, कदम मेरे फिर चलना चाहते हैं संग उनके पर देख #बेरुख़ी उनकी ये संभल जाते हैं, जब सताती हैं #तन्हाईयाँ हमे तो सोचता हूँ #दिल के करीबी भी समय आने पर अक्सर बदल जातें है,