हमरी उलझन हम भयो...हम में उलझे है सब.. ढूंढत फिरयो खुद ही हो को...मिल्यो कहां बाहर कब?? मन के द्वार खोल के ..जो चले ज्ञान की ओर.. कहर धरा हो गयो... कहत फ़कीर खुद तब।।।। stop overusing the nature #earthquake