जिसके भय से मृत्यु भी रण छोड़े ऐसा वो शूरवीर हुआ, मां जयवंता की गोद में एकलिंग का लिखा तकदीर हुआ, घास की रोटी और तानसेन के स्वर जिसके स्वाभिमान के गवाही हो, मुगलों के दौर में आजादी का ख्वाब लिए मेवाड़ी एक रणवीर हुआ। ©Shivam Singh Rajput #maharanapratap #shayri #Shayar #शायरी महाराणा प्रताप की जयंती पर खास पेशकश।