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लाख कोशिशें यूँ आजमाता हूँ में, वो समझ जाए की उसे

 लाख कोशिशें यूँ आजमाता हूँ में,

वो समझ जाए की उसे चाहता हूँ में ।

लब्जों में भी बयाँ करने का मन तो है,

उसे खोने से मगर डर जाता हूँ में ।
 लाख कोशिशें यूँ आजमाता हूँ में,

वो समझ जाए की उसे चाहता हूँ में ।

लब्जों में भी बयाँ करने का मन तो है,

उसे खोने से मगर डर जाता हूँ में ।

लाख कोशिशें यूँ आजमाता हूँ में, वो समझ जाए की उसे चाहता हूँ में । लब्जों में भी बयाँ करने का मन तो है, उसे खोने से मगर डर जाता हूँ में । #Poetry