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अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो। एकदूजे के

अभी सूरज नहीं डूबा  जरा सी शाम होने दो।
एकदूजे के एहसासों को तो सरेआम होने दो।

बताएं तुम्हें अपने ज़िस्म के हर ज़र्रे की ख्वाहिश,
इस रात को थोड़ा सा मेरी बाहों में उतरने दो।

कितने बरसों बाद ये सुहानी शाम आयी है करीब,
अपनी बाजुओं में जरा मुझे कसकर पकड़ने दो।

कितनी यादें घेरती थी मुझको तेरी सरेशाम,
सफे-दर-सफे अब इसको हमारा ज़ाम होने दो।

हर एहसास जो दबे थे हमारे दिल के तहखाने में,
आहिस्ता-आहिस्ता इन्हें  मेरे बदन में पिघलने दो।

महसूस कर लूँ इस रात की रानाई को अपनी साँसों में,
फलक से उतर के रात को थोड़ी और जवां होने दो।

अपने एहसासों को तुम्हारे एहसासों में ढाल के,
सारी कायनात सिमट के इन लम्हों में ढलने दो। अभी सूरज नहीं डूबा  जरा सी शाम होने दो।
एकदूजे के एहसासों को तो सरेआम होने दो।

बताएं तुम्हें अपने #ज़िस्म के हर ज़र्रे की ख्वाहिश,
इस रात को थोड़ा सा मेरी बाहों में उतरने दो।

कितने बरसों बाद ये सुहानी #शाम आयी है करीब,
अपनी बाजुओं में जरा मुझे कसकर पकड़ने दो।
अभी सूरज नहीं डूबा  जरा सी शाम होने दो।
एकदूजे के एहसासों को तो सरेआम होने दो।

बताएं तुम्हें अपने ज़िस्म के हर ज़र्रे की ख्वाहिश,
इस रात को थोड़ा सा मेरी बाहों में उतरने दो।

कितने बरसों बाद ये सुहानी शाम आयी है करीब,
अपनी बाजुओं में जरा मुझे कसकर पकड़ने दो।

कितनी यादें घेरती थी मुझको तेरी सरेशाम,
सफे-दर-सफे अब इसको हमारा ज़ाम होने दो।

हर एहसास जो दबे थे हमारे दिल के तहखाने में,
आहिस्ता-आहिस्ता इन्हें  मेरे बदन में पिघलने दो।

महसूस कर लूँ इस रात की रानाई को अपनी साँसों में,
फलक से उतर के रात को थोड़ी और जवां होने दो।

अपने एहसासों को तुम्हारे एहसासों में ढाल के,
सारी कायनात सिमट के इन लम्हों में ढलने दो। अभी सूरज नहीं डूबा  जरा सी शाम होने दो।
एकदूजे के एहसासों को तो सरेआम होने दो।

बताएं तुम्हें अपने #ज़िस्म के हर ज़र्रे की ख्वाहिश,
इस रात को थोड़ा सा मेरी बाहों में उतरने दो।

कितने बरसों बाद ये सुहानी #शाम आयी है करीब,
अपनी बाजुओं में जरा मुझे कसकर पकड़ने दो।

अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो। एकदूजे के एहसासों को तो सरेआम होने दो। बताएं तुम्हें अपने #ज़िस्म के हर ज़र्रे की ख्वाहिश, इस रात को थोड़ा सा मेरी बाहों में उतरने दो। कितने बरसों बाद ये सुहानी #शाम आयी है करीब, अपनी बाजुओं में जरा मुझे कसकर पकड़ने दो। #कायनात #Uशुभ

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