दिल्ली का दरबार हो या GOVERNMENT की सरकार,हमको कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि हम उस राजघराने में पैदा हुए हैं जहाँ हमारा नाम सुनकर बंदूके भी रिवर्स फायर ठोक देती हैं