जो धर्म जात सबसे परे। इच्छा उसकी मगहर किनारे मरे। मर कर भी जो जीता है। वो अपना नाम संत कबीर धरे। उसने गाया राम नाम जीवन भर। विश्व में हुआ वो अमृत सा अमर। हर धर्म के लिय रखे शब्द ऐक समान। फिर चाहे वो हिन्दू हो यह हो मुसलमान । उसे बुलाया संत कबीर जीवन भर। बाबा की नगरी काशी में है जिसका वास। राम सिया के जो रहे जीवन भर दास। साधु संतों ओर मौलाना ने जिनको कभी ना शिष्य समझा । नाम पड़ा उनका संत कबीर दास। अकबर बाबर राजे महाराजे सब मर जाते हैं । फिर भी संत कबीरा बस जी जाते हैं । जो मर कर भी रह जाते हैं । वो संत कबीरा कहला जाते हैं ।