#आखिर_क्यों जिंदगी, चलती अपनी तरह.! हम चाहते है जो भी, सब पूरा न होता.! समझौते पर यह जिंदगी, जीते हैं सब यहां.! शर्तों पर अपनी जिंदगी, नही जीता कोई यहां.! #अजय57