देख फिर किसी को आज मुस्कुराया हैै ये मन शायद पिछली बाते भूल कर फिर खिलखिलाया है ये मन पूछ तुझको अक्सर ये आंखे रास्ता देखे मैंने ही झूठ बोल बहलाया इन्हे है, मेरी खाता तो बता कुछ तो मेरी सज़ा तो बता, तू यूं दूर रह मुझे ना सता, मेरी खाता