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जीना भी मज़दूरी है चलती रहे सांसें जरूरी है दिन प्र

जीना भी मज़दूरी है
चलती रहे सांसें जरूरी है
दिन प्रतिदिन की लड़ाई है
दो हाथ से ही भलाई है
आँखों में यह कैसा पानी है
नमक का आस, सबकी कहानी है
मुट्ठियों में रेत भरता ही नहीं है
पकड़ की यह नियति पुरानी है
संघर्ष ही जन्मजात वास्तविकता है
इससे प्राप्त धन ही जिंदगानी है। श्रम ही परितोष है।

आप सभी को मजदूर दिवस की शुभकामनाएँ।


सुप्रभात।
#श्रमिकदिवस की हार्दिक बधाई। हम इस संसार को अपने श्रम से वर्तमान रूप देने वाले तमाम श्रमिकों का आभार व्यक्त करते हैं। 
#collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
जीना भी मज़दूरी है
चलती रहे सांसें जरूरी है
दिन प्रतिदिन की लड़ाई है
दो हाथ से ही भलाई है
आँखों में यह कैसा पानी है
नमक का आस, सबकी कहानी है
मुट्ठियों में रेत भरता ही नहीं है
पकड़ की यह नियति पुरानी है
संघर्ष ही जन्मजात वास्तविकता है
इससे प्राप्त धन ही जिंदगानी है। श्रम ही परितोष है।

आप सभी को मजदूर दिवस की शुभकामनाएँ।


सुप्रभात।
#श्रमिकदिवस की हार्दिक बधाई। हम इस संसार को अपने श्रम से वर्तमान रूप देने वाले तमाम श्रमिकों का आभार व्यक्त करते हैं। 
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