तुझे जब उतरना उस की रूह तक है क्यो उस के ऐलान देख मुड़ गया चलना जब तुझे अपने हौंसलो पर है मेरे दोस्त फिर कैसे किसी के निशान देख मुड़ गया कैसे किसी के निशान देख मुड़ गया