राहें हर कोई जिंदगी की रहो मे, अकेले जीना सिख लेता है.... हर दर्द को, हर ग़म को, धीरे -धीरे पीना सिख लेता है.... हकीकत की दुनिया इतनी बेरंग है, मेरे -दोस्तों.... की सपनो मे ही अपना एक, आशियाना ढूंढ लेता है... # राहे