मैने जिंदगी से सिखा की जीस कि मंजिल खुब्सुरत होती है वो तब तक ही अकेले रह्ते है जब तक वो मन्जिल तक पहुच ना जाए उस के बाद तो रिश्त दारो की कमी नही होती Soumya Jain कवि जय पटेल दीवाना Pragati Maurya