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बहुत गरूर था उस शख़्स को एक वक़्त अब उसकी सिसकियाँ भ

बहुत गरूर था उस शख़्स को एक वक़्त
अब उसकी सिसकियाँ भी अकेला कमरा सुनता है बहुत गरूर था उस शख़्स को एक वक़्त
अब उसकी सिसकियाँ भी अकेला कमरा सुनता है
बहुत गरूर था उस शख़्स को एक वक़्त
अब उसकी सिसकियाँ भी अकेला कमरा सुनता है बहुत गरूर था उस शख़्स को एक वक़्त
अब उसकी सिसकियाँ भी अकेला कमरा सुनता है
vinaykumar3349

Vinay Kumar

New Creator

बहुत गरूर था उस शख़्स को एक वक़्त अब उसकी सिसकियाँ भी अकेला कमरा सुनता है #Poetry