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काफी उल्टा सीधा उसको सुनाने के बाद अब भी मेरा मन

काफी उल्टा सीधा उसको सुनाने  के बाद अब भी मेरा मन शांत नहीं हुआ था।कुछ दिन बीत गए।अब हम थोड़ा संभल चुके थे।या यूं कहे कि अब हमे ये अहसास हो चुका था कि हमने शायद उससे उम्मीद ही ज्यादा पाल रखी थी।वो तो हमेशा से ही वैसा था।बस हमने ही कभी शायद उसे समझने की कोशिश नहीं की।जो भी हो मै उन सारी चीज़ों से काफी दूर आए चुकी थी।एक दिन वो मुझे अपने बच्चे के साथ दिखा।उस वक़्त मुझे बहुत गुस्सा आया और जितना मैंने मुझे समझाया था वो सब धरा का धरा रह गया।हमने उसे कॉमेंट करते हुए कहा लोगो को धोखा देना ही रास आता है।तुम आज फिर मिल गए ।आज का दिन ही खराब है हमारा उधर जॉब चली गई और इधर तुम दिख गए। उसने कुछ नहीं कहा लेकिन उस बच्चे ने मेरी तरफ देखा और कहा आप मेरे घर में रहा करिए और पापा को ऐसे ही डांटा करिए।मैंने अपना आपा खो दिया और उस बच्चे पे चिलाते हुए कहा अपनी मम्मी से कहना कि पापा को डांटे।उस बच्चे ने रोते हुए कहा मेरी मम्मी नहीं है । इतने में सार्थक ने मुझे एक तमाचा मारा  और कहा सर्म आनी चाहिए तुम्हें मैंने कभी तुम्हे कुछ नहीं कहा पर आज तुमने मेरे बच्चे को रुला दिया।
और उस तमाचे ने मेरा सारा गुस्सा ठंडा कर दिया।मुझे अब सार्थक से और ज्यादा प्यार हो चुका था।मैंने हमेशा उसे एक गलत नजरिए से देखा पर वो सही था।आंखों में पश्चाताप के अंशु थे हमारे।वो जाने लगा तो बड़ी हिम्मत करके मैंने उसे कहा रुख जाओ मैं इतनी भी बुरी नहीं हूं ।मुझे माफ़ करो।मै तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं ।मै तुम्हारी होना चाहती हूं।
और हर कहानी की तरह हमारी कहानी का एक happy ending हुई।
आज सार्थक, मैं और उज्ज्वल प्यार से अपने एक छोटे से आशियाने में खुश है। #Pehli_Mulakkat काफी उल्टा सीधा उसको सुनाने  के बाद अब भी मेरा मन शांत नहीं हुआ था।कुछ दिन बीत गए।अब हम थोड़ा संभल चुके थे।या यूं कहे कि अब हमे ये अहसास हो चुका था कि हमने शायद उससे उम्मीद ही ज्यादा पाल रखी थी।वो तो हमेशा से ही वैसा था।बस हमने ही कभी शायद उसे समझने की कोशिश नहीं की।जो भी हो मै उन सारी चीज़ों से काफी दूर आए चुकी थी।एक दिन वो मुझे अपने बच्चे के साथ दिखा।उस वक़्त मुझे बहुत गुस्सा आया और जितना मैंने मुझे समझाया था वो सब धरा का धरा रह गया।हमने उसे कॉमेंट करते हुए कहा लोगो को धोखा देना ही रास आता है।तुम आज फिर मिल गए ।आज का दिन ही खराब है हमारा उधर जॉब चली गई और इधर तुम दिख गए। उसने कुछ नहीं कहा लेकिन उस बच्चे ने मेरी तरफ देखा और कहा आप मेरे घर में रहा करिए और पापा को ऐसे ही डांटा करिए।मैंने अपना आपा खो दिया और उस बच्चे पे चिलाते हुए कहा अपनी मम्मी से कहना कि पापा को डांटे।उस बच्चे ने रोते हुए कहा मेरी मम्मी नहीं है । इतने में सार्थक ने मुझे एक तमाचा मारा  और कहा सर्म आनी चाहिए तुम्हें मैंने कभी तुम्हे कुछ नहीं कहा पर आज तुमने मेरे बच्चे को रुला दिया।
और उस तमाचे ने मेरा सारा गुस्सा ठंडा कर दिया।मुझे अब सार्थक से और ज्यादा प्यार हो चुका था।मैंने हमेशा उसे एक गलत नजरिए से देखा पर वो सही था।आंखों में पश्चाताप के अंशु थे हमारे।वो जाने लगा तो बड़ी हिम्मत करके मैंने उसे कहा रुख जाओ मैं इतनी भी बुरी नहीं हूं ।मुझे माफ़ करो।मै तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं ।मै तुम्हारी होना चाहती हूं।
और हर कहानी की तरह हमारी कहानी का एक happy ending हुई।
आज सार्थक, मैं और उज्ज्वल प्यार से अपने एक छोटे से आशियाने में खुश है।#firstmeeting #nasamjhladki
काफी उल्टा सीधा उसको सुनाने  के बाद अब भी मेरा मन शांत नहीं हुआ था।कुछ दिन बीत गए।अब हम थोड़ा संभल चुके थे।या यूं कहे कि अब हमे ये अहसास हो चुका था कि हमने शायद उससे उम्मीद ही ज्यादा पाल रखी थी।वो तो हमेशा से ही वैसा था।बस हमने ही कभी शायद उसे समझने की कोशिश नहीं की।जो भी हो मै उन सारी चीज़ों से काफी दूर आए चुकी थी।एक दिन वो मुझे अपने बच्चे के साथ दिखा।उस वक़्त मुझे बहुत गुस्सा आया और जितना मैंने मुझे समझाया था वो सब धरा का धरा रह गया।हमने उसे कॉमेंट करते हुए कहा लोगो को धोखा देना ही रास आता है।तुम आज फिर मिल गए ।आज का दिन ही खराब है हमारा उधर जॉब चली गई और इधर तुम दिख गए। उसने कुछ नहीं कहा लेकिन उस बच्चे ने मेरी तरफ देखा और कहा आप मेरे घर में रहा करिए और पापा को ऐसे ही डांटा करिए।मैंने अपना आपा खो दिया और उस बच्चे पे चिलाते हुए कहा अपनी मम्मी से कहना कि पापा को डांटे।उस बच्चे ने रोते हुए कहा मेरी मम्मी नहीं है । इतने में सार्थक ने मुझे एक तमाचा मारा  और कहा सर्म आनी चाहिए तुम्हें मैंने कभी तुम्हे कुछ नहीं कहा पर आज तुमने मेरे बच्चे को रुला दिया।
और उस तमाचे ने मेरा सारा गुस्सा ठंडा कर दिया।मुझे अब सार्थक से और ज्यादा प्यार हो चुका था।मैंने हमेशा उसे एक गलत नजरिए से देखा पर वो सही था।आंखों में पश्चाताप के अंशु थे हमारे।वो जाने लगा तो बड़ी हिम्मत करके मैंने उसे कहा रुख जाओ मैं इतनी भी बुरी नहीं हूं ।मुझे माफ़ करो।मै तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं ।मै तुम्हारी होना चाहती हूं।
और हर कहानी की तरह हमारी कहानी का एक happy ending हुई।
आज सार्थक, मैं और उज्ज्वल प्यार से अपने एक छोटे से आशियाने में खुश है। #Pehli_Mulakkat काफी उल्टा सीधा उसको सुनाने  के बाद अब भी मेरा मन शांत नहीं हुआ था।कुछ दिन बीत गए।अब हम थोड़ा संभल चुके थे।या यूं कहे कि अब हमे ये अहसास हो चुका था कि हमने शायद उससे उम्मीद ही ज्यादा पाल रखी थी।वो तो हमेशा से ही वैसा था।बस हमने ही कभी शायद उसे समझने की कोशिश नहीं की।जो भी हो मै उन सारी चीज़ों से काफी दूर आए चुकी थी।एक दिन वो मुझे अपने बच्चे के साथ दिखा।उस वक़्त मुझे बहुत गुस्सा आया और जितना मैंने मुझे समझाया था वो सब धरा का धरा रह गया।हमने उसे कॉमेंट करते हुए कहा लोगो को धोखा देना ही रास आता है।तुम आज फिर मिल गए ।आज का दिन ही खराब है हमारा उधर जॉब चली गई और इधर तुम दिख गए। उसने कुछ नहीं कहा लेकिन उस बच्चे ने मेरी तरफ देखा और कहा आप मेरे घर में रहा करिए और पापा को ऐसे ही डांटा करिए।मैंने अपना आपा खो दिया और उस बच्चे पे चिलाते हुए कहा अपनी मम्मी से कहना कि पापा को डांटे।उस बच्चे ने रोते हुए कहा मेरी मम्मी नहीं है । इतने में सार्थक ने मुझे एक तमाचा मारा  और कहा सर्म आनी चाहिए तुम्हें मैंने कभी तुम्हे कुछ नहीं कहा पर आज तुमने मेरे बच्चे को रुला दिया।
और उस तमाचे ने मेरा सारा गुस्सा ठंडा कर दिया।मुझे अब सार्थक से और ज्यादा प्यार हो चुका था।मैंने हमेशा उसे एक गलत नजरिए से देखा पर वो सही था।आंखों में पश्चाताप के अंशु थे हमारे।वो जाने लगा तो बड़ी हिम्मत करके मैंने उसे कहा रुख जाओ मैं इतनी भी बुरी नहीं हूं ।मुझे माफ़ करो।मै तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं ।मै तुम्हारी होना चाहती हूं।
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आज सार्थक, मैं और उज्ज्वल प्यार से अपने एक छोटे से आशियाने में खुश है।#firstmeeting #nasamjhladki
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#Pehli_Mulakkat काफी उल्टा सीधा उसको सुनाने के बाद अब भी मेरा मन शांत नहीं हुआ था।कुछ दिन बीत गए।अब हम थोड़ा संभल चुके थे।या यूं कहे कि अब हमे ये अहसास हो चुका था कि हमने शायद उससे उम्मीद ही ज्यादा पाल रखी थी।वो तो हमेशा से ही वैसा था।बस हमने ही कभी शायद उसे समझने की कोशिश नहीं की।जो भी हो मै उन सारी चीज़ों से काफी दूर आए चुकी थी।एक दिन वो मुझे अपने बच्चे के साथ दिखा।उस वक़्त मुझे बहुत गुस्सा आया और जितना मैंने मुझे समझाया था वो सब धरा का धरा रह गया।हमने उसे कॉमेंट करते हुए कहा लोगो को धोखा देना ही रास आता है।तुम आज फिर मिल गए ।आज का दिन ही खराब है हमारा उधर जॉब चली गई और इधर तुम दिख गए। उसने कुछ नहीं कहा लेकिन उस बच्चे ने मेरी तरफ देखा और कहा आप मेरे घर में रहा करिए और पापा को ऐसे ही डांटा करिए।मैंने अपना आपा खो दिया और उस बच्चे पे चिलाते हुए कहा अपनी मम्मी से कहना कि पापा को डांटे।उस बच्चे ने रोते हुए कहा मेरी मम्मी नहीं है । इतने में सार्थक ने मुझे एक तमाचा मारा और कहा सर्म आनी चाहिए तुम्हें मैंने कभी तुम्हे कुछ नहीं कहा पर आज तुमने मेरे बच्चे को रुला दिया। और उस तमाचे ने मेरा सारा गुस्सा ठंडा कर दिया।मुझे अब सार्थक से और ज्यादा प्यार हो चुका था।मैंने हमेशा उसे एक गलत नजरिए से देखा पर वो सही था।आंखों में पश्चाताप के अंशु थे हमारे।वो जाने लगा तो बड़ी हिम्मत करके मैंने उसे कहा रुख जाओ मैं इतनी भी बुरी नहीं हूं ।मुझे माफ़ करो।मै तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं ।मै तुम्हारी होना चाहती हूं। और हर कहानी की तरह हमारी कहानी का एक happy ending हुई। आज सार्थक, मैं और उज्ज्वल प्यार से अपने एक छोटे से आशियाने में खुश है।#firstmeeting #nasamjhladki #વાર્તા