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वादे बरसों से जो सजाया था वो ख्वाब पल में टूट गया

वादे बरसों से जो सजाया था
वो ख्वाब पल में टूट गया
मेरी एक नादानी से
चांद सा मुखड़ा रूठ गया।।
                                    वादा था एक दूजे से
                                    बेशुमार मोहब्बत का
                                      चंद बेहूदा अल्फाजों से
                                       ये साथ कैसे छूट गया।।
इश्क का ये आशियां
अश्कों को कब से भा गया
तेरी मेरी कहानी में
जमाना कहां से आ गया।। #वादे Neha Bhargava GurJar Op  AjAy ShaRma
वादे बरसों से जो सजाया था
वो ख्वाब पल में टूट गया
मेरी एक नादानी से
चांद सा मुखड़ा रूठ गया।।
                                    वादा था एक दूजे से
                                    बेशुमार मोहब्बत का
                                      चंद बेहूदा अल्फाजों से
                                       ये साथ कैसे छूट गया।।
इश्क का ये आशियां
अश्कों को कब से भा गया
तेरी मेरी कहानी में
जमाना कहां से आ गया।। #वादे Neha Bhargava GurJar Op  AjAy ShaRma

#वादे Neha Bhargava GurJar Op AjAy ShaRma #poem