वो आशिक है, तो बदनाम हैँ महफ़िलो मे, बदनाम आशिको को करते आशिक देखता हूं ! छुटा कौन है शहर मे, इस रोग से भला? पीछे दौड़ते इस रोग के हकीम देखता हूं ! मोहब्बत नाम देते हैँ, चंद रंगीन रातों को, हर महताब सँग ढलती उल्फत देखता हूं ! वो आशिक है, तो बदनाम हैँ महफ़िलो मे, बदनाम आशिको को करते आशिक देखता हूं ! छुटा कौन है शहर मे, इस रोग से भला? पीछे दौड़ते इस रोग के हकीम देखता हूं ! मोहब्बत नाम देते हैँ, चंद रंगीन रातों को, हर महताब सँग ढलती उल्फत देखता हूं !