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White शीर्षक - आज ********** आज ही सबका होता हैं।

White शीर्षक - आज 
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आज ही सबका होता हैं।
उम्मीद तो कल की होती हैं।

हम कुदरत आज में रहते हैं।
सच और झूठ कल होते हैं।

गीता रामायण ग्रंथ कहते हैं।
आज हम मन को रखते हैंं।

उम्र आज कल कहती हैं।
जवां आधुनिक भी होते हैं।

आज विचारों का सच न हैं।
उम्मीद आशाएं बस होती हैं।

नीरज आज में बस लिखते हैं।
हम तुम सब संग विचार होते हैं।

आज ही तो जीवन हम जीते हैं।
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नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

©Neeraj kumar Agarwal chandausi u.p
  #Thinking 
#neeraj_poetry