ख़्वाब और ख़्याल नदी के दो किनारे हम मिलन कैसे होगा अब, आजा बैठ खयालों की नौका में पार करें यह प्रीत का दरिया हम, ख्वाबों के सतरंगी आंचल में बनाएं नया आशियां हम, सूरज करेगा आंख मिचौली चंदा भी देगा चमक चांदनी, प्रेम पाश में बंधे हम दो जन पार करें ये चंचल प्रवाहिनी।। #नदी#प्रीत#ख्वाब#खयाल#आशियाना#सूरज#चंदा#चांदनी#प्रेम #nojotoapp#nojotohindi #poetry