कुछ बाते अनकही रही बार बार मेरा प्यार भी एकतरफ़ा रहा वो आते रहे सामने हमारे हमारे चेहरे पे शर्म का परदा रहा फूल सामने रहे खिलते मुस्कुराता गुल्दस्ता रहा वो तक़ते रहे हमे कभी इज़्हार ना कहा.. कुछ बाते अनकही रही बार बार मेरा प्यार भी एकतरफ़ा रहा....... ©haquikat