पिता पिता पे क्या लिखूँ.. मेरी कलम इस काबिल ही नहीं जो मेरे पापा को लिख पाएँ... जिन्होंने ख़ुद मुझे लिखा मेरी इतनी औकात नहीं कि मै उनको लिख पाऊं मगर हां ग़र दिल निकाल रख दूँ तो धड़कन माँ पापा ही चिल्लाए... Asheesh Kumar Nitin Kr. Harit A.. J (sHâYàRï) 🗨🗯📜📙 Praveen patel Siddharth singh(Research scholar@IIT)