खुशियों की नौका गम के दरिया, में सफर है कर रही । इंसान जिंदा है मगर, इंसानियत क्यों मर रही? मुझको सजा-ए-मौत दो, मैं सब का गुनहगार हूं । इंसान की तो बात छोड़ो, दुनिया में ही मैं भार हूं।। सुप्रभात🙏🙏 जय श्री राधे कृष्णा🙏🙏🚩 #alfazmere #मेरीकविता