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(शाम) एक पहर जो बिताकर आई है, वो शाम भी अब थ

(शाम)

 एक पहर जो बिताकर आई है, 
   वो शाम भी अब थक कर आई है
उसके आते ही सब लौट जाते, 
     वो भी तो सफ़र, एक तय करके आई है |

उसे भी कही जाना होगा, उसका भी कोई ठिकाना होगा 
वो भी तो लोगों की, एक आस बनकर आई है |
    कल जो शाम गुजरी थी, आज फ़िर वो शाम आई है|
वो भी तो अपना एक, सफ़र खास तय करके आई है ||

बच्चों की उम्मीदें ,परिंदो की वो, 
संग खुशियां लेकर आई है 
वो शाम भी तो अपना, एक अस्तित्व लेकर आई है 
कल जो शाम गुजरी थी, आज फ़िर वो शाम आई है 
एक पहर जो बिताकर, वो शाम भी थककर आई है |

By:-Akshita Jangid 
(poetess) शाम  #nojoto#nojotohindi
#poem#shaam#love
(शाम)

 एक पहर जो बिताकर आई है, 
   वो शाम भी अब थक कर आई है
उसके आते ही सब लौट जाते, 
     वो भी तो सफ़र, एक तय करके आई है |

उसे भी कही जाना होगा, उसका भी कोई ठिकाना होगा 
वो भी तो लोगों की, एक आस बनकर आई है |
    कल जो शाम गुजरी थी, आज फ़िर वो शाम आई है|
वो भी तो अपना एक, सफ़र खास तय करके आई है ||

बच्चों की उम्मीदें ,परिंदो की वो, 
संग खुशियां लेकर आई है 
वो शाम भी तो अपना, एक अस्तित्व लेकर आई है 
कल जो शाम गुजरी थी, आज फ़िर वो शाम आई है 
एक पहर जो बिताकर, वो शाम भी थककर आई है |

By:-Akshita Jangid 
(poetess) शाम  #nojoto#nojotohindi
#poem#shaam#love