"मेरे गाँव का मेला" सभी का दिल से स्वागत है, मेरे गाँव के मेले में। चलो खुशियां खरीदेंगे, गरीबों के उन ठेलों में।। जहाँ पर गाँव के बच्चे, कुछ सिक्के लेके आते हैं। मूंगफली लाई गट्टे ले, खुशी के गीत गाते हैं।। कभी हम भी बैलगाड़ी में, जाते थे सभी के साथ। मेले में खोने के डर से, पकड़ते थे मम्मी का हाथ।। अब वो यादें हैं महज यादें, मुझे वो याद आती हैं। पुनः बचपन के सावन में, मुझे फिर से बुलाती हैं।। #मेरीकविता #मेरेगाँवकामेला