अब तो रुह तक खौफजदा है मंजर-ए-इश्क से हमने हश्र-ए-मुहब्बत ज़रा नजदीक से देखा है ईमान की वकालत हमसे न कीजे हमने एहतराम-ए-दुनिया ज़रा नजदीक से देखा है #अंजाम_ए_इश्क