पल के जिनके आंचल में मेरे उदय हुये थे भाग कभी खिलाती थी दूध रोटी कभी खिलाती थी मेथी पालक की साग मां तुम मां हो इस नन्ही सी दुनिया में तुम प्यारी सी जहां हो मां तुम मां हो नयी कलम से - मेरी प्यारी माँ