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प्रकृति की गोद में जीवन में मूल्यों का महत्व तब पत

प्रकृति की गोद में जीवन में मूल्यों का महत्व तब पता चलता है जब कीमत  चुकाने की  क्षमता चली जाती है , कुछ सद कर्म ही होते हैं जो उस समय आपका साथ देता है ,इसलिए सादगी समर्पण और सर्वकल्याण को ध्यान में रखकर कार्य करना चाहिये । कहने को तो सब कहते हैं कि देश और समाज पहले है ,लेकिन सच ये है कि सबसे पहले अपना परिवार और परिवार में भी पचले माँ पिताजी फिर भाई फिर पत्नी फिर बहन फिर ....इसमें थोड़ा आगे पीछे नंबर हो सकता है लेकिन इंसान अक्सर पहले इनके लिए  ही सोचता है। देश कहाँ है सोचना कभी बुरा लगे तो माफी मगर ये सच है।

©RD Campus सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामयाः.....

#AdhureVakya
प्रकृति की गोद में जीवन में मूल्यों का महत्व तब पता चलता है जब कीमत  चुकाने की  क्षमता चली जाती है , कुछ सद कर्म ही होते हैं जो उस समय आपका साथ देता है ,इसलिए सादगी समर्पण और सर्वकल्याण को ध्यान में रखकर कार्य करना चाहिये । कहने को तो सब कहते हैं कि देश और समाज पहले है ,लेकिन सच ये है कि सबसे पहले अपना परिवार और परिवार में भी पचले माँ पिताजी फिर भाई फिर पत्नी फिर बहन फिर ....इसमें थोड़ा आगे पीछे नंबर हो सकता है लेकिन इंसान अक्सर पहले इनके लिए  ही सोचता है। देश कहाँ है सोचना कभी बुरा लगे तो माफी मगर ये सच है।

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