जर्रों को करके गुलज़ार इस चमन मे सब हो गये आबाद इस चमन मे यहाँ मोहब्बत का करीना सीख गया हर कोई एक हम ही रह गये सय्याद इस चमन मे मारुफ आलम सय्याद/शायरी