कितना कुछ छिपाए है दो नैना कोई गम,कोई ख़लिश, कुछ तो है ना जिन्हें खामोशी से बयान करती है ये मगर ,चेहरे की हँसी कहती है चुप रहना कितना कुछ छिपाए है दो नैना दो नैना #पारस #नैन #ख़लिश