पतवार अब अपने हाथों में सँभाली जाए
तभी मुमकिन है, डूबती नाव बचा ली जाए
फरिश्तों का लिबास पहना है कुछ लुटेरों ने
कोई ग़लतफ़हमी इनके बारे न पाली जाए
तुम्हें अपनी पड़ी है ये बात तो ठीक नहीं
गैरों की मदद करने की आदत डाली जाए #Poetry#shayri#nojotoaudio#ग़ज़ल#दिलसे#साराँश