मूह को मोडे रुठकर बैठे है वोह ऐसे जैसे मेरी दुनिया ही रुठ गई हो दर्द हद से गुजरता जा रहा है अब तो लगता है मेरे जिस्म से जान निकल गई हो मुड के देखते नही पीछे चले जा रहे है टुट के बिखर रहा हूं मै चले जा रहे है दिल मेरा थम गया हो जैसे रुह जिस्म से निकल गई हो। Babu g mahz #Love #lover #Dil #Shayari #Shayar #sad# TIV Naushad Ahmad 'Nazar'