मेरे बेइंतहा इश्क़ की अर्जियां और तेरी वो रोज की खुदगर्जियाँ कभी ना खत्म होने वाली रुशवाईया और तेरी वो बेवजह की मनमर्जियां सब आज फिजूल हो चली है मेरे लिए तू भी फक़त धूल हो चली है मेरे लिए अब परवाह नही मुझे तेरी गुस्ताखियों की तू सिर्फ एक भूल हो चली है मेरे लिए। #काफ़िर धूल