gully boy quotes दोस्त क्या खूब वफ़ाओं का सिला देते हैं हर नए मोड़ पर एक ज़ख्म नया देते हैं तुमसे तो खैर घडी भर की मुलाक़ात रही लोग तो सदियों की रफ़ाक़त को भुला देते हैं कैसे मुमकिन है कि धुंआ भी ना हो और दिल भी जले चोट पड़ती है तो पत्थर भी सदा देते हैं हर नए मोड़ पर एक ज़ख्म नया देते हैं कोन होता है मुसीबत में किसी का रहबर आग लगती है तो पत्ते भी हवा देते हैं जिन पर होता है बहुत दिल को भरोसा $uhail वक़्त पड़ने पर वही लोग दगा देते हैं हर नए मोड़ पर एक ज़ख्म नया देते हैं दोस्त क्या ख़ूब वफ़ाओं का सिला देते हैं हर नए मोड़ पर एक ज़ख्म नया देते हैं $uhail $hah