"हर्फ़"
हर हर्फ़ हर्फ़ से मिलता बिछड़ता है,
हर अल्फ़ाज़ में कुछ नया बयां करता है,
कुछ जज़्बात भीगे से तो कुछ सूखे से,
आराइश ए हर्फ़ हिमाकत गज़ब नज़र है,
बयां ए उन्स कितना कमबख़्त है,
ग़म ए फ़ुर्क़त नवाज़िशें सुकून है,
आब-ए-आइना धुंधला है साफ़ है, #kavishala#nojotohindi#hindinama