मुझे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए तुमसे जब कभी परेशां रहूँ, तो तुम्हारा ख्याल जब कभी कुछ कहना हो बहुत कुछ तो तुम्हारा जरा सा वक्त जब कभी थक जाऊँ लड़ते लड़ते ज़माने से तो तुम्हारे प्यार के कुछ बोल जब कभी झूमना चाहूँ बहारों में तो तुम्हारी बाहों का सहारा मेरे दूर जाते हुए बस तुम्हारी आँखों का इशारा कि कोई बात नहीं मैं साथ हूँ ना मेरी ख़ामोशी होती है बहुत शोर करती हुई तो तुम समझ जाओ उस का अर्थ मैंने समेटी है अपनी सारी कायनात तो बन जाओ मेरी दुनिया बस तुम भी मेरे इस मन को जान लो ज्यादा ना सही, जरा सा ही तुम भी मुझे अपना मान लो sed😔