(बचपन के दोस्त) काम के बोझ में मजदूर हो गये, जो दोस्त खिले खिले थे अब मगरूर हो गये. करते थे मज़ाक की बातें जिनसे सारा सारा दिन अब छोटी छोटी बात पे वो दूर हो गये. ना रही बचपन की वो बात, अब जबसे रुतबे इनके मशहूर हो गये. छलकता है नशा कईयों में दौलत का कई बेचारे ग़रीबी की फिक्र में धूल हो गये। मिलते है कुछ अब दर्द सुनाने को,कुछ मिलते है वक़्त बिताने को, कुछ को अब महफ़िलों का शोंक है कुछ आते है दौलत दिखाने को. मिलता नही अब इनमे कोई हिस्सा अब बचपन का शायद ये भी बड़े होगये अब ज़िन्दगी बिताने को। #MeraShehar Follow more such stories on @Nojotoapp #writersofinstagram #writeraofindia #shayaris #poetry #quote #wordporn #qotd #igwriters #Nojoto #NojotoApp #wordgasm #wordporn #indianwriters #poetsofindia #stories #storytelling #quoteoftheday #writersofindia #poetrycommunity #igpoets #wordsofwisdom #love #thoughts #igwriterclub Bhupinder Kaur