बेजुबान होकर हवा कुछ कह रही है , प्रकृति बिना भेदभाव के आजमाइश कर रही है । असहाय पेड़ों को काटकर मुझे बे - कदर किया था ना तुमने, मुझे पाकर ही जिंदगी तुम्हें जिंदगी दे रही है। ©shreya upadhayaya #Nodiscrimination