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दुःख में स्वयं की एक अंगुली आंसू पोंछती है और सुख

दुःख में स्वयं की एक अंगुली आंसू पोंछती है
और सुख में दसो अंगुलियाँ ताली बजाती है
जब स्वयं का शरीर ही ऐसा करता है तो
दुनिया से गिला-शिकवा क्या करना
दुनियाँ की सबसे अच्छी किताब हम स्वयं हैं
खुद को समझ लीजिए सब समस्याओं का
समाधान हो जाएगा Parishu Tiwari Monika rathee Vasudha Uttam रश्मि सचिन पाठक namrata
दुःख में स्वयं की एक अंगुली आंसू पोंछती है
और सुख में दसो अंगुलियाँ ताली बजाती है
जब स्वयं का शरीर ही ऐसा करता है तो
दुनिया से गिला-शिकवा क्या करना
दुनियाँ की सबसे अच्छी किताब हम स्वयं हैं
खुद को समझ लीजिए सब समस्याओं का
समाधान हो जाएगा Parishu Tiwari Monika rathee Vasudha Uttam रश्मि सचिन पाठक namrata