दुःख में स्वयं की एक अंगुली आंसू पोंछती है और सुख में दसो अंगुलियाँ ताली बजाती है जब स्वयं का शरीर ही ऐसा करता है तो दुनिया से गिला-शिकवा क्या करना दुनियाँ की सबसे अच्छी किताब हम स्वयं हैं खुद को समझ लीजिए सब समस्याओं का समाधान हो जाएगा रश्मि सचिन पाठक namrata