काश की हम चाय हो जाते, वाह क्या हसरत है, काश हम चाय हो जाते डाल कर पतीले में हमें तुम आग पर पकाते हम उबल कर कहते हम तुम्हारे हैं सनम तुम डाल कर प्यालियों में हमें बांट आते हम में जो तुम अदरक का तड़का लगाते सब छीनते हमें अकेले तुम्हारे कहां हाथ आते हम चाय बनकर बस होठों तलक रह जाते फिर कोई और संग तुम्हारे प्रेम गीत गाते तुम होते busy उनके संग प्रेमालाप में घरवाले तुम्हारे बासी चाय नाली में बहाते आमिल 😉😋😉😋😉😋😉😋😉😋 Waah kya hasrat hai,kaash hum chai ho jaate Daal kar patile mai hume tum aag par pakaate Hum ubal kar kehte hum tumhaare hain sanam Tum daal kar pyaliyo mai hume baat aate