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मैं चिराग हूँ कभी अंधेरो से डर नहीं सकता प्रेम ही

मैं चिराग हूँ कभी अंधेरो से डर नहीं सकता 
प्रेम ही दुनियाँ मेरी नफरत से जल नहीं सकता 
डर भला कैसा माँ का अभय मिला है मुझे 
मैं तो 'अक्षय' हूँ ,कभी क्षय हो नहीं सकता
 प्रिय अनुज के लिए ...........
मैं चिराग हूँ कभी अंधेरो से डर नहीं सकता 
प्रेम ही दुनियाँ मेरी नफरत से जल नहीं सकता 
डर भला कैसा माँ का अभय मिला है मुझे 
मैं तो 'अक्षय' हूँ ,कभी क्षय हो नहीं सकता
 प्रिय अनुज के लिए ...........

प्रिय अनुज के लिए ........... #Poetry