जबसे तुझको देखा है, नज़रों में तेरा चेहरा रहता है
जबसे इश्क़ को जाना है, बस तुझको ही मैंने चाहा है
जाने क्यूं तेरे सामने आने से डरती हूं
पर, बेइंतेहा मै तुझसे मोहब्बत करती हूं
पता नहीं कब तुझसे ये कह पाऊंगी
अब ना मैं तेरे बिन रह पाऊंगी
दिल करता है निहारू तुझे दिन - रात
रहना चाहे अब ये बस तेरे साथ