हार न अपनी मानूँगा मैं ! चाहे पथ में शूल बिछाओ चाहे ज्वालामुखी बसाओ, किन्तु मुझे जब जाना ही है — तलवारों की धारों पर भी, हँस कर पैर बढ़ा लूँगा मैं ! ©Muskan sharma #gopaldasneeraj