वो चैन से सो रहे हैं शहर बेचकर, कोई सुहाग बचा रहा है जेवर बेचकर, बाप ने उम्र गुजार दी घर बनाने में, बेटा उसका साँसे खरीद रहा है घर बेचकर, बर्बाद हो गए कई घर "दवा" ख़रीदने में... कुछ लोगों की तिजोरी अब भर गई जहर बेचकर... ©JuSt Shayri #COVIDVaccine