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तुम बिन कितने आज अकेले क्या हम तुमको बतलायें? अम्ब

तुम बिन कितने आज अकेले
क्या हम तुमको बतलायें?
अम्बर में है चाँद अकेला
तारे उसके साथ तो हैं
तारे भी छुप जाएँ अगर तो
साथ अँधेरी रात तो हैं
पर हम तो दिन रात अकेले
क्या हम तुमको बतलायें..?

जिन राहों पर हम-तुम संग थे
वो राहें ये पूछ रही हैं
कितनी तन्हा बीत चुकी 
कितनी तन्हा और रही है
दिल तो हैं,ज़ज्बात अकेले
क्या हम तुमको बतलायें..?

जिनमें तुम-हम हमजोली थे
महका-महका घर आँगन था
रात दिवाली,दिन होली थे
अब तो हैं,सब त्यौहार अकेले
क्या हम तुमको बतलायें..?
©©कुमार विश्वाश कुमार विश्वाश #nojoto#quotes#मk
तुम बिन कितने आज अकेले
क्या हम तुमको बतलायें?
अम्बर में है चाँद अकेला
तारे उसके साथ तो हैं
तारे भी छुप जाएँ अगर तो
साथ अँधेरी रात तो हैं
पर हम तो दिन रात अकेले
क्या हम तुमको बतलायें..?

जिन राहों पर हम-तुम संग थे
वो राहें ये पूछ रही हैं
कितनी तन्हा बीत चुकी 
कितनी तन्हा और रही है
दिल तो हैं,ज़ज्बात अकेले
क्या हम तुमको बतलायें..?

जिनमें तुम-हम हमजोली थे
महका-महका घर आँगन था
रात दिवाली,दिन होली थे
अब तो हैं,सब त्यौहार अकेले
क्या हम तुमको बतलायें..?
©©कुमार विश्वाश कुमार विश्वाश #nojoto#quotes#मk
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mukesh verma

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कुमार विश्वाश #Nojoto#Quotes#मk