मुझे कहाँ मालूम थे मेरी शख्सियत के ये पहलू अब तक... वो तो ज़माने की मेहरबानी, ये लोग मुझे मुझसे ज्यादा जानते हैं..!! - दिव्या पाठक सच मुच, जितना ज़माना जानता है, इतना तो मैं भी नहीं जानती खुद को...!! #dvdp #nojotohindi #nojoto